एक बार कथावाचक को चोट लग जाती है. डॉक्टर उसका इलाज करता है और कहता है कि बेहतर होगा यदि वो हवा-पानी बदलने के लिए किसी दूसरी जगह चला जाये. डॉक्टर की राय मानकर कथावाचक पहाड़ों में स्थित अपने त्यागे हुए पुश्तैनी घर में चला जाता है.
घर काफी पुराना था और गोथिक architecture में बना हुआ था. घर कुछ समय के लिए एक painter को भी रेंट पर दिया गया था.
कथावाचक को घर में बहुत सी अद्भुत पेंटिंग्स देखने को मिलती हैं. वो कला-प्रेमी था और उसे ये पेंटिंग्स उसे अत्यधिक पसंद आईं.
एक दिन वो एक अजीब आकार वाले कमरे में जाता है. वहाँ भी उसे बहुत सारी पेंटिंग्स देखने को मिलती हैं.
तभी उसे बिस्तर पर एक कॉपी भी मिलती है जिसमे पेंटिंग्स की डिटेल लिखी हुई थी.
कथावाचक की नजर सामने रखी एक पेंटिंग पर पड़ती है. वो पेंटिंग एक बहुत ही खूबसूरत लड़की की थी.
पेंटिंग इतनी अच्छी थी कि लगता था मानो उसमें बैठी लड़की जीवित होकर अभी बोल पड़ेगी.
कथावाचक लगभग एक घंटे तक उस पेंटिंग को निहारता रहा. ऐसा लगा मनो वो सम्मोहित हो गया हो.
कथावाचक इतनी सुन्दर पेंटिंग का इतिहास जानना चाहता था. उसने बिस्तर पर पड़ी कॉपी उठाई और उस लड़की की कहानी पढ़ी.
कॉपी में उस अति सुन्दर लड़की की दर्दनाक कहानी का वर्णन किया गया था.
लड़की को एक सनकी पेंटर से प्यार हो गया था. शीघ्र ही उसने उस से शादी कर ली.
पेंटर अपनी पेंटिंग्स में इतना खोया रहता था कि इसे दीन-दुनिया से कोई वास्ता नहीं था. यहाँ तक कि अपनी सुन्दर पत्नी की भी उसे कोई कदर नहीं थी.
एक दिन पेंटर ने अपनी पत्नी को उसकी पेंटिंग के लिए मॉडल करने को कहा. वो दुनिया का सबसे जीवंत चित्र बनाना चाहता था.उसने पत्नी को हिदायत दी कि वो ज़रा भी हिली-डुली तो पेंटिंग ख़राब हो जाएगी. पत्नी मॉडल करने कि लिए खुशी से मान गयी और उसके सामने बैठ गयी.
पेंटर पागलों की भाँति दिन- रात पेंटिंग बनाने लगा. न उसे समय का होश था और न ही खाने-पीने का. उधर उसकी पत्नी भी चुपचाप बिना हिले-डुले बैठी रहती.
इस तरह कई हफ्ते बीत गए. पेंटर की पत्नी की सेहत बिगड़ रही थी लेकिन फिर भी उसने कोई शिकयत नहीं की. न ही पेंटर को इसका कोई ध्यान था.
जब पेंटिंग का काम अंतिम चरण पर पहुँच गया तो कथावाचक काम में इतना डूब गया कि उसने एक भी पल को अपनी आँखे कैनवास से नहीं हटाई.
इस काम में उसे कई दिन लग गए.
अंततः जब चित्र पूरा हुआ और पेंटर ने उसे निहारा तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा.
ये तो सच में ज़िंदा लगती है - उसने चित्र को देखकर कहा.
तभी पेंटर को पत्नी का ध्यान आया. जब उसने मुड़कर देखा तो चकित रह गया.
उसकी सुन्दर पत्नी मर चुकी थी.
समाप्त