एक बार एक राजा के दरबार में एक बौना था जिसका काम नाच - गा कर दरबारियों का मनोरंजन करना था.
वो बौना ठीक से चल नहीं पाता था इसलिए राजा ने उसका नाम हॉप-फ्रॉग (Hop - Frog ) रख दिया था.
राजा उसका तरह -तरह से क्रूर और भद्दा मज़ाक उड़ाता था.
राजा के दरबार में Trippetta नाम की एक बौनी कन्या भी थी जो Hop - Frog की बेस्ट फ्रेंड थी.
Hop - Frog और Trippetta किसी देश से चुरा कर लाये गए थे और अब उन्हें गुलामों की तरह रखा जाता था.
Hop - Frog को शराब बहुत जल्दी चढ़ जाता था और वो नशे मैं इधर-उधर गिरने लगता था. उसे देखकर सब लोग खूब हँसते.
एक बार Hop - Frog के बहुत मना करने पर भी राजा ने उसे बहुत सारी शराब पिला दी.
Trippetta ने भी राजा से ऐसा न करने की गुजारिश की.
लेकिन क्रूर राजा ने Trippetta को घूँसा मारा और एक बाल्टी शराब उसके ऊपर उंडेल दी.
सारे दरबारी उस पर खूब हँसे.
ये सब देख कर Hop - Frog बहुत दुखी हुआ. उसका सारा नशा उतर गया.
अगले दिन राजा के यहाँ कुछ मेहमान आने वाले थे.
राजा ने Hop - Frog से मेहमानों का मनोरंजन करने के लिए कोई नायाब तरीका बताने को कहा.
थोड़ी देर सोचने के बाद Hop - Frog बोला कि क्यों न आप सब लोग Orangutan जैसी पोषक पहने. सब Orangutans को चेन से बाँधा जायेगा और मेहमानों के आगे पेश किया जायेगा. मेहमान डर जायेंगे और उनकी शक्ल देखने लायक होगी.
राजा को यह आईडिया बहुत पसंद आया.
जब मेहमानों का दल राजा के महल पहुँचा तो राजा और उसके चापलूस दरवारियों को Hop - Frog ने Orangutan की पोशाक पहना दी.
इसके लिए उसने कपड़ों पर tar लगाया और फिर उसके ऊपर जानवरों के fur लगा दिए.
फिर वो उन्हें चैन से बाँधकर मेहमानो के सामने ले आया.
मेहमान उन दरिंदों जैसे लोगों को देखकर भयभीत हो उठे.
बहुत से लोग दरवाजे की तरफ भी भागे. लेकिन राजा ने सारे दरवाजे बंद करवा दिए थे.
तभी Hop - Frog ने Orangutan बने लोगों से बंधी चेन छत के फानूस से लटका दी. फिर पुल्ली की सहायता से राजा और सातों लोगों को छत तक पहुँचा दिया.
अब मेहमान समझ गए थे कि ये केवल मनोरंजन मात्र के लिए किया गया था.
राजा और उसके सातों दरवारियों की चीख-पुकार को सबने तमाशा समझा.
तभी Hop - Frog मशाल लेकर आया और बोला - जरा देखूं ये कौन लोग हैं.
उसने जलती हुई मशाल उन लोगों के इतना पास कर दी कि उनके tar से सने कपड़ों में आग लग गयी.
सारा महल राजा और उसके 7 चापलूसों की करुण चीखों से गूँज उठा. वो लोग ज़िंदा जल रहे थे लेकिन कोई भी उनकी सहायता नहीं कर पाया.
Hop - Frog और Trippetta अब आज़ाद थे.
जाते जाते Hop - Frog बोला- अब मैं पहचान सकता हूँ ये कौन लोग हैं. ये तो वही क्रूर राजा है जो एक मासूम लड़की पर हाथ उठाता है और उसके 7 चापलूस जो बन्दर की भांति हीं - हीं करते रहते हैं और उसकी हाँ में हाँ मिलाते हैं.
और मैं , मैं तो केवल Hop - Frog हूँ.
यह कहकर वो Trippetta के साथ अपने देश की ओर निकल पड़ा.
समाप्त
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